गुरुवार, 5 जुलाई 2018

भारत की प्रमुख फसलों के नाम और उत्पादक राज्य - Major Crops and Leading Producers States in India

भारत एक कृषि प्रधान देश है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. भारत में कृषि सिंधु घाटी सभ्यता के दौर से की जाती रही है, यहां आपको भारत की प्रमुख फसलों के नाम और उत्पादक राज्‍यों के नाम दिये गये हैं जो Most Important General Knowledge Question हैं और हर Exam में आते है तो आईये जानते हैं Major Crops and Leading Producers States in India

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भारत की प्रमुख फसलों के नाम और उत्पादक राज्य -Major Crops and Leading Producers States in India

राज्‍यवार प्रमुख फसलों के नाम
भारतीय कृषि व्यवस्था
  • चावल - पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, बिहार और पंजाब
  • गेंहू - उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान
  • ज्वार - महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान
  • बाजरा - गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश
  • दलहन - मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात और आंध्र प्रदेश
  • तिलहन - मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और ओडिशा
  • जौ - उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार और पंजाब
  • गन्ना - उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और पंजाब
  • मूंगफली - गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश
  • चाय - असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, त्रिपुरा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश
  • कहवा - कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र
  • कपास - महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश
  • रबड़ - केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, असम और अंडमान निकोबार द्वीप समूह
  • पटसन - पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, ओडिशा और उत्तर प्रदेश
  • तम्बाकू - आंध्र प्रदेश, गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु
  • काली मिर्च - केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी
  • हल्दी - आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और बिहार
  • काजू - केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश 

भारतीय कृषि से जुड़े अन्‍य महत्‍वपूर्ण तथ्‍य - 

  1. भारत की प्रमुख खाद्य फसल कौन सी है - चावल
  2. भारत की प्रमुख खाद्य फसल कौन सी है - चावल 
  3. भारत में सबसे अधिक फसल कौन सी उगाई जाती है - धान 
  4. भारत में सबसे अधिक खाद्यान्न उत्पन्न करने वाला राज्य कौन सा है - उत्तर प्रदेश 
  5. भारत में कुल कार्यशील जनसंख्या का कितने प्रतिशत भाग कृषि में लगा हुआ है - 64.5 
  6. अंगूरों की खेती के लिए कौनसा शहर प्रसिद्ध है - नासिक 
  7. मूंगफली भारत के सबसे अधिक किस राज्य में उगाई जाती है - गुजरात 
  8. चावल का उत्पादन सर्वाधिक किस राज्य में होता है - पश्चिमी बंगाल 
  9. भारत के किस राज्य में गेहूं की खेती नहीं होती है - तमिलनाडु 
  10. किस फसल की बुवाई में वह कटाई में सबसे अधिक समय लगता है - गन्ना 
  11. भारत का उर्वरक उत्पादन विश्व में कौन सा स्थान है - तीसरा 
  12. दुग्ध उत्पादन में भारत का कौन सा स्थान है - प्रथम 
  13. भारत में सर्वोत्तम चाय कहां पैदा की जाती है - दार्जिलिंग 
  14. काजू का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है - केरल 
  15. दलहन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है - राजस्थान 
  16. पटसन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कौन सा है - पश्चिम बंगाल 
  17. तंबाकू उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है - तीसरा 
  18. भारत का सबसे बड़ा सोयाबीन उत्पादक राज्य कौन सा है - मध्य प्रदेश 
  19. नारियल उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है - प्रथम 
  20. केसर की खेती सबसे अधिक कहां पर होती है - कश्मीर में 
  21. कृषि को उद्योग का दर्जा देने वाला प्रथम राज्य कौन सा है - महाराष्ट्र
  22. "चावल का कटोरा" किस नदी क्षेत्र को कहा जाता है - कृष्णा और गोदावरी के क्षेत्र को

भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और सम्बन्धित उत्पादन - List of Important Agricultural Revolutions In India

भारत में सबसे पहली कृषि क्रांति (Agricultural Revolutions) की शुरुआत 1966-67 में हुई हरित क्रांति से मानी जाती है, इस क्रांति के कारण भारत खाद्य उत्पादन में आत्म निर्भर हो गया, कृषि क्षेत्र में हुए शोध विकास, तकनीकि परिवर्तन एवं अन्य कदमों की श्रृंखला को संदर्भित करता है जिसके परिणाम स्वरूप पूरे विश्व में कृषि उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई, इसके बाद भारत में कृषि से सम्बंधित अनेक क्रांतियाँ हुई आईये जानते हैं भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और सम्बन्धित उत्पादन - List of Important Agricultural Revolutions In India

भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और सम्बन्धित उत्पादन - List of Important Agricultural Revolutions In India

भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और सम्बन्धित उत्पादन - List of Important Agricultural Revolutions In India

भारत के राज्य एवं प्रमुख फसलें
भारत की मिट्टियों के प्रकार
प्रमुख फसल और उनके रोग के नाम

भारत में कृषि के क्षेत्र में क्रांति की सूची और जनक

  1. हरित क्रांति - खाद्यान्न उत्पादन - जनक एम0 एस0 स्वामीनाथन
  2. श्वेत क्रांति - दुग्ध उत्पादन - जनक डॉ वर्गीज कुरियन
  3. पीली क्रांति - तिलहन उत्पादन - जनक भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी 
  4. भूरी क्रांति - उर्वरक उत्पादन 
  5. नीली क्रांति - मत्स्य उत्पादन - जनक अरुण कृष्णन 
  6. लाल क्रांति - टमाटर/मांस उत्पादन - जनक विशाल तिवारी
  7. बादामी क्रांति -  मासाला उत्पादन
  8. सुनहरी क्रांति - फल उत्पादन 
  9. गोल्डन फाइबर क्रांति - जूट उत्पादन
  10. स्वर्ण क्रांति - फल /शहद उत्पादन
  11. सिल्वर फाइबर क्रांति - कपास उत्पादन - जनक इंदिरा गाँधी 
  12. सदाबहार क्रांति - कृषि से/ जैव तकनीकी
  13. सेफ्रॉन क्रांति - केसर उत्पादन से
  14. स्लेटी/ग्रे क्रांति - उर्वरको के उत्पादन से
  15. खाद्द श्रंखला क्रांति - भारतीय कृषकों की 2020 तक आमदनी को दुगुना करने से
  16. व्हाइट गॉल्ड क्रांति - कपास उत्पादन से (तीसरी क्रांति)
  17. ग्रीन गॉल्ड क्रांति - चाय उत्पादन
  18. परामनी क्रांति - भिन्डी उत्पादन
  19. मूक क्रांति - मोटे अनाजों के उत्पादन 
  20. हरित सोना क्रांति - बाँस उतपादन 

परीक्षाओं में अक्‍सर आने वाले प्रश्‍न 

  1. हरित क्रांति का जनक किसे कहा जाता है - डॉ एम एस स्वामीनाथन.
  2. हरित क्रांति किस फसल पर सबसे अधिक उपयोगी रही - गेहूं व चावल 
  3. किस राज्य को "भारत का धान्य भंडार" कहा जाता है - पंजाब 
  4. सब्जी उत्पादन में विश्‍व में भारत का कौन सा स्थान है - द्वितीय 
  5. फल उत्पादन में विश्‍व में भारत का कौन सा स्थान है - द्वितीय 
  6. कौन सी क्रांति कृषि से संबंधित नहीं है - कृष्ण क्रांति 
  7. भारत राष्ट्रीय रसदार फल अनुसंधान केंद्र कहां पर है - नागपुर 
  8. अंगूरों की खेती के लिए कौन सा शहर प्रसिद्ध है - नाशिक 
  9. तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन की शुरुआत कब हुई - 1986 में 
  10. भारत का उर्वरक उत्पादन में विश्व में कौन सा स्थान है - तीसरा 
  11. दुग्ध उत्पादन में भारत का कौन सा स्थान है - प्रथम 
  12. भारत में लंबे रेशे की कपास का आयात मुख्यतः कहां से होता है - संयुक्त राज्य अमेरिका 
  13. तंबाकू उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है - तीसरा 
  14. नारियल उत्पादन में भारत का विश्व में कौन सा स्थान है - प्रथम 
  15. झूम क्या है - कृषि का एक तरीका 
  16. कृषि को उद्योग का दर्जा देने वाला प्रथम राज्य कौन सा है - महाराष्ट्र 
  17. नीलगिरी के पहाड़ी क्षेत्रों में कौन सी फसल उगाई जाती है - कॉफी 
  18. श्वेत क्रांति किससे संबंधित है - दुग्ध उत्पादन से 
  19. गोल क्रांति किसके लिए चलाई गई - आलू उत्पादन के लिए

भारत में दुग्ध उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य - Important facts About milk production in India

दूध उत्पादन में भारत का स्थान प्रथम है, भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में 17 प्रतिशत हिस्सा है भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में कृषि के बाद डेयरी उद्योग की प्रमुख भूमिका है आईये जानते हैं भारत में दुग्ध उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य - Important facts About milk production in India

भारत में दुग्ध उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य - Important facts About milk production in India

भारत में दुग्ध उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य - Important Facts About Milk Production in India

प्रमुख राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय दिवस
मानव शरीर से जुड़े 22 रोचक तथ्‍य
  • भारत में कृषि के बाद दुग्ध उद्योग यह कैसा उद्योग है जिस पर ग्रामीण क्षेत्र के लोग सबसे ज्यादा निर्भर रहते हैं
  • वर्ष 1970 में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्र की आय में वृद्धि के लिए ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत की गई 
  • ऑपरेशन फ्लड तीन चरणों में पूरा किया गया 
  • ऑपरेशन फ्लड ने भारत को दुग्ध उत्पादन में शीर्ष स्थान पर स्थापित किया
  • ऑपरेशन फ्लड के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन है ऑपरेशन फ्लड प्रथम 1970 में शुरू किया गया जबकि ऑपरेशन फ्लड द्वितीय 1981 में शुरू किया गया और इसका तीसरा चरण यानी ऑपरेशन फ्लड तृतीय सन 1985 में विश्व बैंक और यूरोपीय आर्थिक समुदाय द्वारा शुरू किया गया
  • 'ऑपरेशन फ्लड' आगे चलकर श्वेत क्रांति या दुग्ध क्रांति के रूप में जाना गया।
  • उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य है
  • अमूल, गुजरात आधारित देश का सबसे बड़ा दुग्ध सहकारी है, जो 1946 में अस्तित्व में आया था
  • अमूल ने भारत में श्वेत क्रान्ति की नींव रखी जिससे भारत संसार का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है।

दुग्‍ध उत्‍पादक से जुड़े अन्‍य महत्‍वपूर्ण तथ्‍य 

  1. गरीबों की गाय किसे कहा जाता है - बकरी 
  2. सबसे अधिक दूध देने वाली भैंस की प्रजाति कौन सी है - मुर्रा भैंस 
  3. सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय की नस्ल - गुजरात की गिर गाय
  4. उत्‍तर प्रदेश का भारत में कुल दूध उत्पादन में हिस्सा है - 17% से ज्यादा
  5. भारत के 10 सबसे ज्‍यादा दुग्‍ध उत्‍पादन करने वाले राज्‍य - उत्तरप्रदेश, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, गुजरात, पंजाब, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, तमिलनाडू, बिहार

भारत में सिंचाई के साधन - Sources of Irrigation in India

देश की लगभग 64.5% जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न रहती है और कुल राष्ट्रीय आय का 27.4% भाग कृषि से होता है, वर्तमान में देश में शुद्ध बोया गया क्षेत्र 16.2 करोड़ हेक्टेयर है सामान्य मानसून देश के मात्र एक-तिहाई भाग हेतु पर्याप्त होता है, इस प्रकार सिंचाई शेष भागों के लिए अनिवार्य बन जाती है वर्तमान में देश में 10.8 करोड है0 भूमि सिंचित है, आईये जानते हैं भारत में सिंचाई के साधन - Sources of Irrigation in India

भारत में सिंचाई के साधन - Sources of Irrigation in India

भारत में सिंचाई के साधन - Sources of Irrigation in India

भारत में शुद्ध बोले क्षेत्रफल के कुल 33% भाग पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, कुल सिंचित क्षेत्रफल के आधे से अधिक भाग पर सिंचाई के छोटे साधनों- कुएं, तालाब, झीलें, जलाशय, बाँध, नलकूप, मिट्टी के कच्चे बाँध, नल तथा जल स्रोतों द्वारा सिंचाई की जाती है। शेष भाग की सिंचाई बड़े साधनों, नहरों, नालियों आदि के माध्यम से की जाती है - 

भारत में सिंचाई को तीन परियोजनाआें में विभाि‍जित किया गया है - 
  1. प्रमुख सिंचाई - खेती योग्य नियंत्रित भूमि (सी.सी.ए.) लगभग 10,000 हेक्टेयर से भी ज्यादा हो।
  2. मध्यम सिंचाई - खेती योग्य नियंत्रित भूमि 2,000 हेक्टेयर से अधिक और 10,000 हेक्टेयर से कम हो।
  3. निम्न सिंचाई - खेती योग्य नियंत्रित भूमि 2,000 हेक्टेयर से ज्यादा न हो।
नोट - भारत में प्रमुख सिंचाई और मध्यम सिंचाई के साधन यहां बहने वाली नदियों से होती है जब के निम्न सिंचाई के साधनों में भूमिगत जल आता है इसमें ट्यूबल और बोरिंग से सिंचाई होती है
भारत मेंं प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएं (Multipurpose Projects) या नदी घाटी परियोजनाएँ (River Valley Projects) चल रही हैं, जहां नदियों की घाटियो पर बडे-बडे बाँध बनाकर अनेक प्रकार के लाभ प्राप्‍त किये जाते हैं जिसमें सिंचाई भी प्रमुख है
  • भारत के प्रमुख बांध और नदियाँ
  • भारतीय कृषि व्यवस्था
भारत में सिंचाई के निम्नलिखित साधन पाए जाते है-
  • नहरों द्वारा - 31.1%
  • कुँओं द्वारा - 22.1%
  • तालाबों द्वारा - 4.7%
  • नलकूपों द्वारा - 36.6%
  • अन्य साधन - 5.0% 

सिंचाई के विभिन्न नवीनतम स्रोत - various latest sources of irrigation

  • ड्रिप सिंचाई (Drip irrigation) - इसे टपक सिंचाई भी कहा जाता है। इस प्रणाली में खेत में पाइप लाइन बिछाकर स्थान-स्थान पर नोजल लगाकर सीधे पौधे की जड़ में बूंद-बूंद करके जल पहुंचाया जाता है।
  • छिड़काव सिंचाई (Sprinkler irrigation)  - सिंचाई की इस विधि में पाइप लाइन द्वारा पौधों पर फब्बारों के रूप में पानी का छिड़काव किया जाता है। 
  • रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) - वर्षा के जल को एकत्रित करके सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वर्षा के बाद इस पानी को उत्पादक कार्यों के लिये उपयोग हेतु एकत्र करने की प्रक्रिया को वर्षाजल संग्रहण कहा जाता है। दूसरे शब्दों में आपकी छत पर गिर रहे वर्षाजल को सामान्य तरीके से एकत्र कर उसे शुद्ध बनाने के काम को वर्षाजल संग्रहण कहते हैं।

अन्‍य महत्‍वपूर्ण तथ्‍य - 

  1. उत्तर प्रदेश में कितने प्रतिशत सिंचाई नलकूप द्वारा होती है - 50% 
  2. भारत के किस भाग में तालाब से सिंचाई सबसे अधिक की जाती है - दक्षिणी भारत 
  3. किस राज्य में तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई की जाती है - तमिलनाडु में 
  4. सबसे अधिक नलकूप किस राज्य में है - उत्तर प्रदेश
  5. भारत के किस राज्य में सिंचाई मुख्यतः नहरों द्वारा की जाती है - पंजाब 
  6. किस दक्षिणी राज्य में नहर नलकूप और तालाब द्वारा सिंचाई की जाती है - आंध्र प्रदेश

भारत के ऊर्जा संसाधन - india energy resources

विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता देशों में भारत का छठवां स्थान है जबकि ऊर्जा उत्पादक देशों में भारत का 11वां स्थान है भारत में ऊर्जा की विकास दर 3.6% प्रतिवर्ष है आइए जानते हैं भारत के ऊर्जा संसाधनों के बारे में - India Energy Resources in Hindi
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भारत के ऊर्जा संसाधनों के बारे में - India Energy Resources in Hindi

  1. परंपरागत ऊर्जा के स्रोत - जलावन और उपले, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और बिजली।
  2. गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत - सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायोगैस और परमाणु ऊर्जा।

परंपरागत ऊर्जा के स्रोत (conventional energy sources)

जलावन और उपले

भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, ग्रामीण घरों की ऊर्जा की जरूरत का 70% भाग जलावन और उपलों से पूरा होता है, इसमें जंगलों की लकडी और गाय, भैंस के गोबर का उपयोग किया जाता है

कोयला (Coal)

अपनी वाणिज्यिक ऊर्जा जरूरतों के लिए भारत कोयले पर सबसे ज्यादा निर्भर है। कोयला भारत के उत्तरी भाग में बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं और भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है। कोयले के तीन प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित हैं -

  1. लिग्नाइट
  2. बिटुमिनस कोयला
  3. एंथ्रासाइट कोयला

पेट्रोलियम (Petroleum)

कोयले के बाद भारत का मुख्य ऊर्जा संसाधन पेट्रोलियम है विभिन्न कार्यों के लिए पेट्रोलियम ऊर्जा का ही प्रयोग किया जाता है और पेट्रोलियम बहुत सारी उद्योगों के लिए भी कच्चे माल की आपूर्ति करता है पेट्रोलियम से प्लास्टिक टेक्सटाइल फार्मास्यूटिकल आदि जैसी चीजें बनती हैं

भारत में पेट्रोलियम की आपूर्ति का 63 प्रतिशत हिस्सा मुंबई हाई से मिलता है तथा 18% गुजरात सेवर 13% असम से आता है गुजरात में सबसे महत्वपूर्ण तेल का क्षेत्र अलंकेश्वर है भारत का सबसे पुराना पेट्रोलियम उत्पादक असम है 

प्राकृतिक गैस (natural gas)

प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम के साथ भी पाई जाती है और इसके अलावा यह अकेली भी मिल जाती है इसका इस्तेमाल ईंधन और कच्चे माल के तौर पर होता है कृष्णा गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं इसके अलावा खंभात की खाड़ी मुंबई हाई और अंडमान निकोबार में भी प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं प्राकृतिक गैस का प्रयोग उर्वरक के तौर पर और बिजली उत्पादन में होता है आजकल आप देख रहे होंगे पूरे देश में सीएनजी का इस्तेमाल गाड़ियों में ईंधन के रूप में भी होने लगा है

बिजली (Elsectricity)

भारत में बिजली परंपरागत ऊर्जा के संसाधनों में आती है बिजली का उत्पादन मुख्य रूप से दो तरीकों से होता है एक बहते जल से और दूसरा कोयला पेट्रोलियम या प्राकृतिक गैस को धन के रूप में इस्तेमाल करके टरबाइन चलाया जाता है और उसे बिजली का उत्पादन किया जाता है देश में मुख्य पनबिजली उत्पादक है भाखड़ा नांगल कोमा दामोदर वैली कारपोरेशन कोपली हाइडल प्रोजेक्ट आदि वर्तमान में देश में 300 से ज्यादा थर्मल पावर स्टेशन है

गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत (Non-conventional energy sources)

परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy)

परमाणु विखंडन से ऊर्जा का निर्माण किया जाता है निर्माण के लिए यूरेनियम का इस्तेमाल किया जाता है इससे बहुत भारी मात्रा में सौर ऊर्जा निकलती है इसका इस्तेमाल बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है यूरेनियम और झारखंड और राजस्थान की पहाड़ियों पर पाए जाते हैं भारत में 17 नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टर हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 4120 मेगावाट इकाई है। सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा को ऊर्जा है जो सीधे सूरज की रोशनी से प्राप्त होती है सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलने के लिए फोटोवोल्टिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है भारत में सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्लांट भुज के निकट माधवपुर में है 

पवन ऊर्जा (Wind power)

हवा द्वारा जो ऊर्जा प्राप्त की जाती है उसे पवन ऊर्जा कहते हैं इससे इसमें पवन चक्कियों द्वारा हवा की शक्ति को इस्तेमाल करके टरबाइन घुमाया जाता है और बिजली पैदा की जाती है भारत को विश्व का पवन सुपर पावर माना जाता है पवन ऊर्जा के मामले में आंध्र प्रदेश, कर्णाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र और तामिलनाडु भी अहम हैं।

ज्वारीय ऊर्जा (tidal energy)

समुद्र में आने वाले ज्‍वारों का इस्तेमाल करके ज्वारीय ऊर्जा पैदा की जाती है इसके लिए समुद्र पर जहां ज्वार आते हैं वहां बांध बनाकर ज्‍वारों को रोक लिया जाता है और जब ज्‍वार चला जाता है तो गेट को खोला जाता है जब पानी समुद्र की ओर वापस जाता है तो पानी के बहाव के कारण टरबाइन चलते हैं और बिजली पैदा होती है कच्छ की खाड़ी में 900 मेगा वाट का एक ज्वारीय ऊर्जा प्लांट बनाया गया है इसे नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन ने बनाया है

भू-तापीय ऊर्जा (geothermal energy)

धरती के अंदर कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां धरती के नीचे लावा गर्म होने से ऊष्मा दरारों में वाष्‍प का धरती की सतह पर आती है और भूमिगत जल भाप बनकर भाग के रूप में ऊपर उठता है इस पाप का इस्तेमाल टरबाइन चलाने में किया जाता है और बिजली पैदा की जाती है भारत में अभी प्रयोग के तौर पर भूतापीय ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए केवल दो संयंत्र स्थापित किए गए हैं पहला हिमाचल प्रदेश में मनीकरण के निकट पार्वती घाट में है और दूसरा लद्दाख में पूगा घाटी में स्थित है 

बायोगैस  (Biogas)

गाय भैंस के गोबर खरपतवार को कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया उपयोगी बायोगैस में बदल देते हैं चूंकि इस उपयोगी गैस का उत्पादन जैविक प्रक्रिया (बायोलॉजिकल प्रॉसेस) द्वारा होता है, इसलिए इसे जैविक गैस (बायोगैस) कहते हैं। मिथेन गैस बायोगैस का मुख्य घटक है। भारत में ग्रामीणों द्वारा बायोगैस प्लांट को व्यक्तिगत तौर पर भी बनाया जा रहा है बायोगैस प्लांट से ऊर्जा के साथ-साथ खाद की प्राप्ति भी होती है

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