देश की लगभग 64.5% जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न रहती है और कुल राष्ट्रीय आय का 27.4% भाग कृषि से होता है, वर्तमान में देश में शुद्ध बोया गया क्षेत्र 16.2 करोड़ हेक्टेयर है सामान्य मानसून देश के मात्र एक-तिहाई भाग हेतु पर्याप्त होता है, इस प्रकार सिंचाई शेष भागों के लिए अनिवार्य बन जाती है वर्तमान में देश में 10.8 करोड है0 भूमि सिंचित है, आईये जानते हैं भारत में सिंचाई के साधन - Sources of Irrigation in India
भारत में सिंचाई के साधन - Sources of Irrigation in India
भारत में शुद्ध बोले क्षेत्रफल के कुल 33% भाग पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, कुल सिंचित क्षेत्रफल के आधे से अधिक भाग पर सिंचाई के छोटे साधनों- कुएं, तालाब, झीलें, जलाशय, बाँध, नलकूप, मिट्टी के कच्चे बाँध, नल तथा जल स्रोतों द्वारा सिंचाई की जाती है। शेष भाग की सिंचाई बड़े साधनों, नहरों, नालियों आदि के माध्यम से की जाती है -
भारत में सिंचाई को तीन परियोजनाआें में विभािजित किया गया है -
- प्रमुख सिंचाई - खेती योग्य नियंत्रित भूमि (सी.सी.ए.) लगभग 10,000 हेक्टेयर से भी ज्यादा हो।
- मध्यम सिंचाई - खेती योग्य नियंत्रित भूमि 2,000 हेक्टेयर से अधिक और 10,000 हेक्टेयर से कम हो।
- निम्न सिंचाई - खेती योग्य नियंत्रित भूमि 2,000 हेक्टेयर से ज्यादा न हो।
नोट - भारत में प्रमुख सिंचाई और मध्यम सिंचाई के साधन यहां बहने वाली नदियों से होती है जब के निम्न सिंचाई के साधनों में भूमिगत जल आता है इसमें ट्यूबल और बोरिंग से सिंचाई होती है
भारत मेंं प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएं (Multipurpose Projects) या नदी घाटी परियोजनाएँ (River Valley Projects) चल रही हैं, जहां नदियों की घाटियो पर बडे-बडे बाँध बनाकर अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त किये जाते हैं जिसमें सिंचाई भी प्रमुख है
- भारत के प्रमुख बांध और नदियाँ
- भारतीय कृषि व्यवस्था
भारत में सिंचाई के निम्नलिखित साधन पाए जाते है-
- नहरों द्वारा - 31.1%
- कुँओं द्वारा - 22.1%
- तालाबों द्वारा - 4.7%
- नलकूपों द्वारा - 36.6%
- अन्य साधन - 5.0%
सिंचाई के विभिन्न नवीनतम स्रोत - various latest sources of irrigation
- ड्रिप सिंचाई (Drip irrigation) - इसे टपक सिंचाई भी कहा जाता है। इस प्रणाली में खेत में पाइप लाइन बिछाकर स्थान-स्थान पर नोजल लगाकर सीधे पौधे की जड़ में बूंद-बूंद करके जल पहुंचाया जाता है।
- छिड़काव सिंचाई (Sprinkler irrigation) - सिंचाई की इस विधि में पाइप लाइन द्वारा पौधों पर फब्बारों के रूप में पानी का छिड़काव किया जाता है।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain Water Harvesting) - वर्षा के जल को एकत्रित करके सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वर्षा के बाद इस पानी को उत्पादक कार्यों के लिये उपयोग हेतु एकत्र करने की प्रक्रिया को वर्षाजल संग्रहण कहा जाता है। दूसरे शब्दों में आपकी छत पर गिर रहे वर्षाजल को सामान्य तरीके से एकत्र कर उसे शुद्ध बनाने के काम को वर्षाजल संग्रहण कहते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य -
- उत्तर प्रदेश में कितने प्रतिशत सिंचाई नलकूप द्वारा होती है - 50%
- भारत के किस भाग में तालाब से सिंचाई सबसे अधिक की जाती है - दक्षिणी भारत
- किस राज्य में तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई की जाती है - तमिलनाडु में
- सबसे अधिक नलकूप किस राज्य में है - उत्तर प्रदेश
- भारत के किस राज्य में सिंचाई मुख्यतः नहरों द्वारा की जाती है - पंजाब
- किस दक्षिणी राज्य में नहर नलकूप और तालाब द्वारा सिंचाई की जाती है - आंध्र प्रदेश
Sicai ko prmukh pddtiyo ka vernan minute
जवाब देंहटाएंSicai ko prmukh pddtiyo ka vernan
जवाब देंहटाएं