भारत में सड़क परिवहन (Road Transport ) व्यवस्था - विश्व की सड़कों के आधार पर भारत का विश्व में दूसरा स्थान है, भारत में सड़कों की कुल लम्बाई लगभग 54 लाख किलोमीटर है, भारत में सड़क परिवहन (Road Transport) की शुरुआत रेल परिवहन से बहुत पहले ही हो गया था। आईये जानते हैं भारत में सड़क परिवहन व्यवस्था - Road Transport System in India
भारत में सड़क परिवहन व्यवस्था - Road Transport System in India
रखरखाव और निर्माण के उद्देश्य से सड़कों को कुल 7 भागों में बांटा गया है -
1- स्वर्णिम चतुर्भुज महाराजमार्ग (Golden Quadrilateral) - स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना भारत की सबसे बड़ी तथा विश्व की 5वीं सबसे बड़ी राजमार्ग परियोजना है। स्वर्णिम चतुर्भुज देश के चारों महानगरों को जोडता है भारत सरकार ने दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और मुम्बई को जोड़ने के लिए 6 लेनों वाली महाराजमार्ग की सड़क परियोजना शुरु की थी। इसका आकार बहुत सीमा तक चतुर्भुज के समान दिखता है, यह परियोजना वर्ष 2001 में शुरू हुई तथा 2012 में पूरी हुई, स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग पर स्थित प्रमुख नगर हैं- दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, जयपुर, कानपुर, पुणे, सूरत, गुंटुर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम। स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अन्तर्गत जिन राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा चार महानगरों को जोड़ा जाता है, उनकी कुल लंबाई 5,846 किमी है -
अक्सर परीक्षाओं में आने वाले प्रश्न -
- स्वार्णिम चतुर्भुज योजना किससे संबंधित है— सड़कों से
- स्वर्णिम चतुर्भु योजना के अन्तर्गत जिन राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा चार महानगरों को जोड़ा जाता है, उनकी कुल लंबाई कितनी है— 5,846 किमी
2- राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) - भारत में लंबी दूरी के लिए बनाई गई सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग हैं यह कुल सड़कों का केवल 1.7% हिस्सा है लेकिन यह कुल परिवहन का 40% भाग संभालती हैं, राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 82,803 किलोमीटर है, जो सड़कों के कुल नेटवर्क के दो प्रतिशत से कम है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India)-NHAI की स्थापना 1988 ई. को हुई थी. इसका मुख्य कार्य राष्ट्रीय राजमार्गों का रखरखाव करना है, भारत का सबसे बड़ा राजमार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग 7 (NH7) है, जो उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर को भारत के दक्षिणी कोने, तमिलनाडु के कन्याकुमारी शहर के साथ जोड़ता है।
3- एक्सप्रेस वे (Expressway) द्रुतमार्ग, जिन्हे द्रुतगामी मार्ग या एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, भारतीय सड़क नेटवर्क में सबसे उच्च वर्ग की सड़कें होती है। वे छह या आठ लेन के नियंत्रित-प्रवेश राजमार्ग हैं जहां प्रवेश और निकास छोटी सड़कों के उपयोग द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वर्तमान में, भारत में लगभग 1455.5 किमी द्रुतमार्ग परिचालन में हैं। भारत में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे प्राधिकरण, द्रुतमार्गों के निर्माण और रखरखाव करता है
अक्सर परीक्षाओं में आने वाले प्रश्न -
- देश में कुल सड़कों की लंबाई में राष्ट्रीय राजमार्ग का योगदान कितना है— 2%
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 की लंबाई कितनी है— 1226 किमी
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 की लंबाई कितनी है— 2369 किमी
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 कहाँ से कहाँ तक जाता है— वाराणसी से कन्याकुमारी तक
- किस राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या से जवाहर सुरंग स्थित है— राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1A में
- भारत राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई कितनी है - 70,934 किमी.
- भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग कौन-सा है— NH-7
- राष्ट्रीय राजमार्ग-7 कितने राज्यों से होकर जाता है— 6
- किन राष्ट्रीय राजमार्गों को मिलाकर ग्रांट ट्रंक रोड कहा जाता है— राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 व 2 को
- ग्रांट ट्रंक रोड (GT Road) वर्तमान में किन नगरों के मध्य है— अमृतसर से कोलकाता
- ग्रांट ट्रंक रोड किसने बनवायी थी— शेरशाह सूरी ने
- पहले ग्रांट ट्रंक रोड कहाँ से कहाँ तक थी— कोलकाता से लाहौर
4- राज्य राजमार्ग (State Highway) - भारत में किसी भी प्रदेश की राजधानी को प्रदेश के जिला मुख्यालयों से जोड़ने वाली सड़कों को राज्य राजमार्ग (State highway) कहा जाता है, राज्य मार्ग की देखभाल का कार्य राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है
अक्सर परीक्षाओं में आने वाले प्रश्न -
- सड़क निर्माण में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कौन-सी नीति अपनाई है - बनाओं, चलाओं और हस्तांतरित करो
- सीसा सड़क संगठन की स्थापना कब की गई— 1960 में
5- जिला मार्ग (District Route) - जनपद मुख्यालय को जनपद के अन्य भागों से जोड़ने वाली सड़कों को जिला मार्ग (District Route) कहते हैं। इन सड़कों का निर्माण और रखरखाव जिला परिषद द्वारा किया जाता है।
6- अन्य सड़कें (Other Roads) - भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों से जुड़ने के लिए जिन सड़कों का निर्माण किया गया है वह चढ़ के इन सड़कों के अंतर्गत आती है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के आने के बाद इन सड़कों के निर्माण में काफी तेजी आई है इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि देश का हर गांव पक्की सड़क के माध्यम से शहर से जुड़ सकें
7 -सीमांत सड़कें (Border Road) - बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (भारत सरकार का उपक्रम) देश के सीमांत इलाकों में सड़कों का निर्माण और रखरखाव करता है। सीमा पर स्थित पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में सामरिक महत्व की सड़कें बनाने के लिए 1960 में इस संस्था का गठन किया गया था। इन सड़कों ने दुर्गम इलाकों तक आना जाना आसान कर दिया है जिससे उन इलाकों की तरक्की भी हुई है। इस परियोजना की अधिकतर सड़कें जोखिम भरे घने जंगलों तथा उपद्रवग्रस्त पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरती हैं
अक्सर परीक्षाओं में आने वाले प्रश्न -
- भारत के किस राज्य में कच्ची सड़कें सबसे अधिक है— ओड़िशा
- भारत के किस राज्य में सबसे अधिक पक्की सड़कें हैं - महाराष्ट्र व तमिलनाडु
- भारत के किस राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे अधिक हैं - उत्तर प्रदेश
- विश्व में सबसे ऊँचाई पर कौन-सी सड़क है— मनाली-लेह (भारत)
- पूर्व-पश्चिम व उत्तर-दक्षिण राजमार्ग एक-दूसरे को किस स्थान पर काटते हैं— झांसी
- लाहौर-दिल्ली बस सेवा क्या कहलाती है— सदा-ए-सरहद
- काराकोरम राजमार्ग किसे जोड़ता है— पाकिस्तान और अफगानिस्तान
सड़क घनत्व (Road Density) क्या होता है -
भारत में सड़क घनत्व इस समय लगभग 1.43 किलोमीटर प्रति वर्ग किलोमीटर है।प्रति 100 वर्ग किमी में उपलब्ध सड़क की लंबाई को सड़क घनत्व कहते हैं, लेकिन यह पूरे देश में एक जैसा नहीं है, जम्मू कश्मीर में सड़क घनत्व 10 किमी है तो दूसरी ओर केरल में यह आँकड़ा 375 किमी है। 1996 – 97 के आँकड़ों के अनुसार पूरे देश का सड़क घनत्व 75 किमी है।भारत में सड़क परिवहन व्यवस्था - Road Transport System in India
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