विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता देशों में भारत का छठवां स्थान है जबकि ऊर्जा उत्पादक देशों में भारत का 11वां स्थान है भारत में ऊर्जा की विकास दर 3.6% प्रतिवर्ष है आइए जानते हैं भारत के ऊर्जा संसाधनों के बारे में - India Energy Resources in Hindi
भारत के ऊर्जा संसाधनों के बारे में - India Energy Resources in Hindi
- परंपरागत ऊर्जा के स्रोत - जलावन और उपले, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और बिजली।
- गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत - सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायोगैस और परमाणु ऊर्जा।
परंपरागत ऊर्जा के स्रोत (conventional energy sources)
जलावन और उपले
भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, ग्रामीण घरों की ऊर्जा की जरूरत का 70% भाग जलावन और उपलों से पूरा होता है, इसमें जंगलों की लकडी और गाय, भैंस के गोबर का उपयोग किया जाता है
कोयला (Coal)
अपनी वाणिज्यिक ऊर्जा जरूरतों के लिए भारत कोयले पर सबसे ज्यादा निर्भर है। कोयला भारत के उत्तरी भाग में बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं और भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है। कोयले के तीन प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित हैं -
- लिग्नाइट
- बिटुमिनस कोयला
- एंथ्रासाइट कोयला
पेट्रोलियम (Petroleum)
कोयले के बाद भारत का मुख्य ऊर्जा संसाधन पेट्रोलियम है विभिन्न कार्यों के लिए पेट्रोलियम ऊर्जा का ही प्रयोग किया जाता है और पेट्रोलियम बहुत सारी उद्योगों के लिए भी कच्चे माल की आपूर्ति करता है पेट्रोलियम से प्लास्टिक टेक्सटाइल फार्मास्यूटिकल आदि जैसी चीजें बनती हैं
भारत में पेट्रोलियम की आपूर्ति का 63 प्रतिशत हिस्सा मुंबई हाई से मिलता है तथा 18% गुजरात सेवर 13% असम से आता है गुजरात में सबसे महत्वपूर्ण तेल का क्षेत्र अलंकेश्वर है भारत का सबसे पुराना पेट्रोलियम उत्पादक असम है
प्राकृतिक गैस (natural gas)
प्राकृतिक गैस पेट्रोलियम के साथ भी पाई जाती है और इसके अलावा यह अकेली भी मिल जाती है इसका इस्तेमाल ईंधन और कच्चे माल के तौर पर होता है कृष्णा गोदावरी बेसिन में प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं इसके अलावा खंभात की खाड़ी मुंबई हाई और अंडमान निकोबार में भी प्राकृतिक गैस के बड़े भंडार हैं प्राकृतिक गैस का प्रयोग उर्वरक के तौर पर और बिजली उत्पादन में होता है आजकल आप देख रहे होंगे पूरे देश में सीएनजी का इस्तेमाल गाड़ियों में ईंधन के रूप में भी होने लगा है
बिजली (Elsectricity)
भारत में बिजली परंपरागत ऊर्जा के संसाधनों में आती है बिजली का उत्पादन मुख्य रूप से दो तरीकों से होता है एक बहते जल से और दूसरा कोयला पेट्रोलियम या प्राकृतिक गैस को धन के रूप में इस्तेमाल करके टरबाइन चलाया जाता है और उसे बिजली का उत्पादन किया जाता है देश में मुख्य पनबिजली उत्पादक है भाखड़ा नांगल कोमा दामोदर वैली कारपोरेशन कोपली हाइडल प्रोजेक्ट आदि वर्तमान में देश में 300 से ज्यादा थर्मल पावर स्टेशन है
गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत (Non-conventional energy sources)
परमाणु ऊर्जा (Nuclear Energy)
परमाणु विखंडन से ऊर्जा का निर्माण किया जाता है निर्माण के लिए यूरेनियम का इस्तेमाल किया जाता है इससे बहुत भारी मात्रा में सौर ऊर्जा निकलती है इसका इस्तेमाल बिजली पैदा करने के लिए किया जाता है यूरेनियम और झारखंड और राजस्थान की पहाड़ियों पर पाए जाते हैं भारत में 17 नाभिकीय ऊर्जा रिएक्टर हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 4120 मेगावाट इकाई है। सौर ऊर्जा
सौर ऊर्जा को ऊर्जा है जो सीधे सूरज की रोशनी से प्राप्त होती है सौर ऊर्जा को विद्युत में बदलने के लिए फोटोवोल्टिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है भारत में सौर ऊर्जा का सबसे बड़ा प्लांट भुज के निकट माधवपुर में है
पवन ऊर्जा (Wind power)
हवा द्वारा जो ऊर्जा प्राप्त की जाती है उसे पवन ऊर्जा कहते हैं इससे इसमें पवन चक्कियों द्वारा हवा की शक्ति को इस्तेमाल करके टरबाइन घुमाया जाता है और बिजली पैदा की जाती है भारत को विश्व का पवन सुपर पावर माना जाता है पवन ऊर्जा के मामले में आंध्र प्रदेश, कर्णाटक, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र और तामिलनाडु भी अहम हैं।
ज्वारीय ऊर्जा (tidal energy)
समुद्र में आने वाले ज्वारों का इस्तेमाल करके ज्वारीय ऊर्जा पैदा की जाती है इसके लिए समुद्र पर जहां ज्वार आते हैं वहां बांध बनाकर ज्वारों को रोक लिया जाता है और जब ज्वार चला जाता है तो गेट को खोला जाता है जब पानी समुद्र की ओर वापस जाता है तो पानी के बहाव के कारण टरबाइन चलते हैं और बिजली पैदा होती है कच्छ की खाड़ी में 900 मेगा वाट का एक ज्वारीय ऊर्जा प्लांट बनाया गया है इसे नेशनल हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन ने बनाया है
भू-तापीय ऊर्जा (geothermal energy)
धरती के अंदर कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां धरती के नीचे लावा गर्म होने से ऊष्मा दरारों में वाष्प का धरती की सतह पर आती है और भूमिगत जल भाप बनकर भाग के रूप में ऊपर उठता है इस पाप का इस्तेमाल टरबाइन चलाने में किया जाता है और बिजली पैदा की जाती है भारत में अभी प्रयोग के तौर पर भूतापीय ऊर्जा से बिजली बनाने के लिए केवल दो संयंत्र स्थापित किए गए हैं पहला हिमाचल प्रदेश में मनीकरण के निकट पार्वती घाट में है और दूसरा लद्दाख में पूगा घाटी में स्थित है
बायोगैस (Biogas)
गाय भैंस के गोबर खरपतवार को कुछ विशेष प्रकार के बैक्टीरिया उपयोगी बायोगैस में बदल देते हैं चूंकि इस उपयोगी गैस का उत्पादन जैविक प्रक्रिया (बायोलॉजिकल प्रॉसेस) द्वारा होता है, इसलिए इसे जैविक गैस (बायोगैस) कहते हैं। मिथेन गैस बायोगैस का मुख्य घटक है। भारत में ग्रामीणों द्वारा बायोगैस प्लांट को व्यक्तिगत तौर पर भी बनाया जा रहा है बायोगैस प्लांट से ऊर्जा के साथ-साथ खाद की प्राप्ति भी होती है
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