अलनीनो व ला नीना ऐसे कारक हैं जो मानसून को प्रभावित करते हैं मानसून की भविष्यवाणी भी इन कारको की अहम भूमिका होती है आइये जानते है किस प्रकार अलनीनो व ला नीना मानसून व वर्षा को प्रभावित करते हैं अल नीनो और ला नीना क्या है - What is El Nino and La Nina
अल नीनो और ला नीना क्या है - What is El Nino and La Nina
अलनीनो व उसका प्रभाव
अलनीनो स्पेनिश भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है छोटा बच्चा है, अलनीनो दक्षिणी अमेरिकी देश पेरु के निकट प्रशान्त महासागर में घटित होने वाली घटना है जिसके कारण सागर मे हुई तापमानी उथल- पुथल के कारण मानसून पर असर पड़ता है यह असर किसी दो धारी तलवार जैसा कहा जा सकता है यानि कि इससे मानसून पर सकात्मक व नकारत्मक दोनो प्रभाव पड़ सकते हैं।
संमदर की सतह पर तापमान में वृध्दि होने के फलस्वरुप जलवायु तथा मौसम पर प्रभाव पड़ता है तथा भारत व पूर्वी अफ्रीका तथा लैटिन अमेरिकी देशो के कुछ हिस्सो में काफी बारिश तथा बाढ की स्थितियाँ बन जाती हैं तो कभी कभी यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाती है तथा वर्षा काफी कम होती है इसी अलनीनो के आधार पर कई देशो के मौसम विभाग प्रत्येक वर्ष मानसून का पूर्वालोकन करते हैं तथा मानसून की घोषणा की जाती है कि मानसून सामान्य रहने वाला है या सामान्य से कम रहने वाला है ।
ला नीनो व उसका प्रभाव
ला नीनो – जिसका शाब्दिक अर्थ है छोटी बच्ची या ठन्डा प्रंसग भी कहा जाता है अलनीनो के विपरीत कार्य करती है तथा इससे उन हिस्सो जहाँ अलनीनो से सूखे की स्थिति पैदा होती है उसे ला नीनो से सकात्मक प्रभाव पड़ता है तथा खूब बारिश होती है इन हिस्सो में पश्चिमी प्रंशात महासागर के हिस्से भी आते हैं यह आर्द्र मौसम को जन्म देती है तथा कई बार इससे बाढ की स्थितियाँ अधिक पैदा होती हैं।