भारतीय कृषि व्यवस्था (Indian agricultural system) भारत की अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने मे अगर सबसे ज्यादा भागीदारी कृषि क्षेत्र है, कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। आईये जानते हैं भारतीय कृषि व्यवस्था - Indian agricultural system in Hindi
भारतीय कृषि व्यवस्था - Indian Agricultural system - Bhartiya Krishi ki Visheshta
देश की लगभग 64.5% जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न रहती है और कुल राष्ट्रीय आय का 27.4% भाग कृषि से होता है देश के कुल निर्यात में कृषि का योगदान 18% है और कृषि ही ऐसा आधार है जिस पर देश के 5.5 लाख से भी अधिक गांव में निवास करने वाली 75% जनसंख्या प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अपनी आजीविका प्राप्त करती है भारत में चावल गन्ना और तमाकू वहीं दूसरी ओर कपास और गेहूं की भी फसलें पैदा की जाती हैं हमारे यहां की भौतिक संरचना जलवायु और भारत की मिट्टियों के प्रकार ऐसे कारक हैं जो अनेक प्रकार की फसलें पैदा कर सकते हैं, भारत का उर्वरक उत्पादन में विश्व में तीसरा स्थान है, भारतीय कृषि मुख्यरूप से वर्षा पर निर्भर रहती है, भारत में मुख्यतः वर्ष में तीन फसलें पैदा की जाती हैं, जो निम्नलिखित हैं -
1- रबी की फसल - RABI CROPS
रबी की फसल अक्टूबर में बोई जाती है और अप्रेल में काट ली जाती है। रबी की फसल में मुख्यतः गेहूँ, चना, मटर, सरसों, राई, आलू आदि की कृषि की जाती है।
2- खरीफ की फसल - KHARIF CROPS
खरीफ की फसल वर्षाकाल की फसल हैं, खरीफ की फसल जुलाई में बोकार अक्टूबर तक काटी जाती है। खरीफ की फसल में चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जूट, मूंगफली, कपास, सन, तम्बाकू आदि की कृषि की जाती है।3- जायद की फसल - ZAID CROPS
जायद की फसल रबी और खरीफ के बीच में बोई जाती है, जायद की फसल में तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, खीरा, करेला आदि की कृषि की जाती है।
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